⇒पुलिस नरम और मौन, तो आखिर कार्यवाही करेगा कौन?
⇒डी0एम0, एस0पी0 एवं सम्बंधित आला अफसरों से इस ओर ध्यान देकर कार्यवाही करने की मांग की गई
हाथरस,नीरज चक्रपाणि। हाथरस में पुलिस की मिलीभगत से अवैध काॅल सेन्टरों की संख्या में निरन्तर बढ़ोत्तरी होती चली जा रही है। भोले-भाले लोगों को फोन पर लालच देकर उनके साथ ठगी करने वाले काॅल सेन्टर संचालकों का तो यह भी कहना है कि वह लोगों से ठगी करने के बदले पुलिस को प्रत्येक माह चैथ की मोटी रकम भी पहुंचाते हैं और सूत्रों से यह भी पता चला है कि पुलिस ने अवैध काॅल सेन्टर संचालकों की एक सूची (लिस्ट) भी बना रखी है, उसी लिस्ट के आधार पर प्रत्येक काॅल सेन्टर संचालक से 20 से 30 हजार रूपये तक प्रति माह की अवैध धन की वसूली पुलिस द्वारा की जाती है और यही वजह है कि पुलिस की अवैध धन की वसूली के चलते अवैध काॅल सेन्टर संचालकों के हौंसले दिनों-दिन बुलन्द होते चले जा रहे हैं और भोली-भाली जनता को झूठे लुभावने लालच देकर एवं वायदा करके उनके साथ ठगी कर करे हैं और पुलिस शिकायतें मिलने के बावजूद भी अपनी सांठ-गांठ के चलते अवैध काॅल सेन्टर संचालकों के विरूध्द कोई भी कार्यवाही नहीं कर रही।
उल्लेखनीय है कि हाथरस शहर के मुख्य डाकघर में रोजाना अवैध काॅल सेन्टर संचालकों द्वारा ठगी करके भोले-भाले लोगों के पास पैकिंग करके बताये गए सामान की जगह और कोई दूसरा सामान भेजा जाता है और जब ग्राहक सामान की पैकिंग खोलता है तो उसमें निकले सामान को देखकर ग्राहक दंग रह जाता है तथा हजारों रूपए के बदले में उसके पास मात्र या तो सौ-दो सौ रूपए का सामान पहुंचता है या फिर कागज की रद्दी अथवा थर्माकोल के खाली डिब्बों की ही पैकिंग मिलती है। ऐसी ही एक मामला विगत दिनों शहर के एक अवैध काॅल सेन्टर संचालक का सामने आया है। इस महीने सितम्बर माह के पहले सप्ताह में ही रूड़की निवासी योगेश कुमार ने कोतवाली सदर पुलिस को लिखे एक शिकायती पत्र में कहा था कि उसके पास एक फोन आया था जिसमें उसे लकी ग्राहक बताकर 20 से 30 हजार रूपये कीमत का सामान केवल 10 हजार रूपये में देने का आॅफर दिया गया था। इस आॅफर में उसे कीमती एंड्राइड फोन गैलेक्सी जे-7 मोबाइल फोन और रीबाॅक कम्पनी की पूरी किट देने की बात कही गयी थी। इस किट में जूते, घड़ी, चश्मा, पर्स व बेल्ट के अलावा एक ट्रैक सूट भी बताया गया था। रूड़की निवासी योगेश ने इस आॅफर को स्वीकार कर लिया था। हाथरस के अवैध काॅल सेन्टर संचालक ने योगेश के घर सामान का पार्सल भी भेज दिया। जब रूड़की निवासी योगेश कुमार ने बतायी गई हजारों रूपये की रकम को देकर पार्सल छुड़ाया तो पार्सल की पैकिंग कुछ इस तरह से की गई थी कि उसे खोलने में काफी समय लग गया। पार्सल जब खुला तो उसे देखकर योगेश हैरान रह गया। इस पार्सल में सिवाय कागज की रद्दी और थर्माकोल के अलावा कुछ भी नहीं था।
जब इस ठगी के सम्बन्ध में रूड़की निवासी योगेश ने पुलिस में लिखित शिकायत की तो उसकी लिखित शिकायत पर पुलिस ने अवैध काॅल सेन्टर संचालक के खिलाफ मुकद्दमा तो दर्ज कर लिया, लेकिन पुलिस ने इस अवैध काॅल सेन्टर संचालक को गिरफ्तार करने की कतई कोशिश नहीं की। इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि अवैध काॅल सेन्टर संचालकों से यदि पुलिस की महीनेदारी नहीं बंधी होती तो शायद यह ठगी करने वाला अवैध काॅल सेन्टर संचालक पुलिस की गिरफ्त में होता, लेकिन नोटों की चकाचैंध के आगे पुलिस अवैध काॅल सेन्टर संचालकों को बढ़ावा दे रही है और यही वजह है कि शहर के तमाम अवैध काॅल सेन्टर संचालक भोली-भाली जनता के लोगो के साथ बड़़े पैमाने पर ठगी कर रहे हैं।
इतना ही नहीं मथुरा रोड, राजरानी मेहरा गैस्ट हाउस के समीप पिछले कई वर्षों से अवैध रूप से चल रहे श्री राधे काॅल शाॅपिंग सेन्टर के संचालक ने तो ठगी की खबरों को अखबारों (समाचार पत्रों) में प्रकाशित होने पर पत्रकार को उनके मोबाइल फोन पर गाली-गलौज बकते हुए जान से मारने की धमकी तक ही दे डाली। जब पत्रकार ने इस सम्बन्ध में कोतवाल को लिखित में शिकायती पत्र (तहरीर) दिया तो कोतवाल ने अवैध काॅल सेन्टर संचालक को कोतवाली बुलाकर कुछ देर बाद ही बिना कोई कार्यवाही किए ही उसे छोड़ दिया और पत्रकार की कोतवाली सदर पुलिस ने रिपोर्ट तक दर्ज नहीं की। इस मामले को लेकर हाथरस शहर के पत्रकारों का एक प्रतिनिधि मण्डल पुलिस अधीक्षक से भी मिल चुका है और लिखित में कार्यवाही करने हेतु एक शिकायती पत्र भी एस0पी0 को दिया है। पत्रकार के इस शिकायती प्रार्थना पत्र पर एस0पी0 ने अपर पुलिस अधीक्षक को आवश्यक निर्देश देते हुए इस मामले की जांच करने के आदेश भी दिए हैं।
इधर शहर की भोली-भाली जनता एवं नगर के प्रबुध्द एवं गणमान्य नागरिकों ने सम्बंधित आला अफसरों एवं जिलाधिकारी हाथरस, पुलिस अधीक्षक के अलावा अलीगढ़ मण्डल में बैठे उच्च अधिकारियों व पुलिस महानिरीक्षक तथा मण्डलायुक्त से इस ओर शीघ्र ध्यान देने की मांग करते हुए भ्रष्टाचार में लिप्त पुलिसकर्मियों एवं अवैध काॅल सेन्टर संचालकों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कानूनी कार्यवाही करने की अपील की है। लोगों का यह भी कहना है कि यदि पुलिस ईमानदारी एवं पूरी निष्ठा के साथ कार्य करे तो शायद हाथरस में कोई भी अवैध काॅल सेन्टर नहीं चला पाएगा। लेकिन पुलिस की ही मिलीभगत से हाथरस में अवैध काॅल सेन्टर संचालक लोगों के साथ बड़े पैमाने पर ठगी कर रहे हैं। जनता का यह भी कहना है कि अवैध काॅल सेन्टर संचालकों के लिए पुलिस नरम और मौन तो, आखिर कार्यवाही करेगा कौन ? यह मामला काफी गंभीर और सोचने का विषय है।